Faslon Ko Takalluf Hai Humse Agar Lyrics / फ़ासलो को तक्क्लुफ़ है हम से अगर हम भी बेबस नहीं बे-सहारा नहीं,

फ़ासलो को तक्क्लुफ़ है हम से अगर
हम भी बेबस नहीं बे-सहारा नहीं,

खुद उन्ही को पुकारे गे हम दूर से
रस्ते मैं अगर पाउ थक जाएँगे,

हम मदीने मैं तनहा निकल जाएँगे
और गलियो मैं कस्दन भटक जाएँगे,

हम वहा जा के वापस नहीं आएँगे
ढूँढ़ते ढूँढ़ते लोग थक जाएँगे,

जैसे ही सब्ज़-गुंम्बद नज़र आएगा
बंदगी का करीना बदल जाएँगा,

सर झुका ने की फुर्सत मिलेगी किसे
खुद ही पलकों से सज़दे टपक जाएँगे,

नाम-ए -आक़ा जहाँ भी लिया जाऐगा
ज़िक्र उनका जहाँ भी किआ जाएँगा,

नूर ही नूर सिनो मैं भर जाएँगा
सारी महफ़िल मैं जलवे लपक जाएँगे,

ऐ मदीने के ज़ाहिर खुदा के लिए
दास्ताँ-ने-सफर मुझको यु मत सूना,

बात बढ़ जाएगी दिल तड़प जाएँगा
मेरे मौला मेरे मोहतात आँसू छलक
जाएँगे,

उनकी चश्मे-ए -करम को है इसकी खबर
किस मुसाफ़िर को है कितना शौक-ए-सफर,

हम को इक़बाल ! जब भी इजाज़त मिली
हम भी आक़ा के दरबार तक जाएँगे,

फ़ासलो को तक्क्लुफ़ है हम से अगर
हम भी बे बस नहीं बे-सहारा नहीं

खुद उन्ही को पुकारे गे हम दूर से
रस्ते मैं अगर पाउ थक जाएँगे,


शायर:-
इक़बाल अजीम

नात-ख्वां:-
हाजी अब्दुल हबीब अत्तारी

Roman (Eng) :

Faaslo ko takalluf hai humse agar
Hum bhi bebas nahi, be-sahara nahi

Khud unhi ko pukarein ge hum door se
Raste mein agar pau thak jaayenge

Hum Madeene mein tanha nikal jaayenge
Aur galiyon mein kasdan bhatk jaayenge

Hum waha jaake wapas nahi aayenge
Dhoondte dhoondte log thak jaayenge

Jaise hi sabz-gumbad nazar aayega
Bandagi ka karina badal jaayega

Sar jhuka ne ki fursat milegi kise
Khud hi palakon se sajde tapak jaayenge

Naam-e-Aqa jahan bhi liya jaayega
Zikr unka jahan bhi kiya jaayega

Noor hi noor seeno mein bhar jaayega
Saari mehfil mein jalwe lapak jaayenge

Ai Madeene ke zaahir Khuda ke liye
Daastaan-e-safar mujhko yun mat suna

Baatein badh jaayegi, dil tadap jaayega
Mere Maula, mere mohta'at aansu chhalak jaayenge

Unki chashme-e-karam ko hai iski khabar
Kis musafir ko hai kitna shauq-e-safar

Humko iqbāl, jab bhi ijaazat milegi
Hum bhi Aqa ke darbaar tak jaayenge

Faaslo ko takalluf hai humse agar
Hum bhi bebas nahi, be-sahara nahi

Khud unhi ko pukarein ge hum door se
Raste mein agar pau thak jaayenge




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