Jabeen Meri Ho Sange Dar Tumhara Ya Rasool Allah Lyrics / जबीं मेरी हो संग-ए-दर तुम्हारा या रसूलल्लाह !

JabeeN Meri Ho Sang e Dar Tumhara Lyrics:-आज हम आपको जबी मेरी हो संगे-ए-दर तुम्हारा या सूलल्लाह ! के लिरिक्स बतायगे जो नात शरीफ हज़रात गुलाम मुस्तफा क़ादरी ने अपनी खूबसूरत आवाज़ मैं पढ़ी है


या रसूलल्लाह या रसूलल्लाह या हबीबल्लाह

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !
तुम ही हो बे-सहारो का सहारा, या रसूलल्लाह !
तुम ही को हर दुखी दिल ने पुकारा, या रसूलल्लाह !

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !

जमाना छूट जाए रूठ जाए, कुछ नहीं परवाह 
न छूटे हाथ से दामन तुम्हारा या रसूलल्लाह

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !

दिखा दो अपना चेहरा प्यारा प्यारा या रसूलल्लाह !
खुदारा जी ते जी कर लू नज़ारा या रसूलल्लाह !

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !

गुलाम-इ-अहमदे मुख़्तार यु पहचाने जाये गे
के महशर मैं भी होगा उनका नारा यासूलल्लाह !

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !

यकिनन आप हर आशिक़ के घर तसरीफ लाते है
मेरे घर मैं भी हो जाये चरागा या रसूलल्लाह !

जबी मेरी हो संगे-ए -दर तुम्हारा हो या रसूलल्लाह ,यही है एक ही जीने का सहारा या रसूलल्लाह !

या रसूलल्लाह या रसूलल्लाह  या हबीबल्लाह !



नात-ख़्वाँ:-
गुलाम मुस्तफा क़ादरी


Roman (Eng) :

Jabī merī ho sang-e-dar tumhārā, Yā Rasūlullāh, Yā Habīballāh
Yehī hai ek hī jīne kā sahāra, Yā Rasūlullāh

Tumhī ho be-sahāro kā sahāra, Yā Rasūlullāh
Tumhī ko har dukhī dil ne pukārā, Yā Rasūlullāh

Zamāna chhūṭ jāye, rūṭh jāye, kuchh nahīn parwāh
Na chhūte hāth se dāman tumhārā, Yā Rasūlullāh

Dikhā do apnā chehra pyārā pyārā, Yā Rasūlullāh
Khudārā jī te jī kar lū nazārā, Yā Rasūlullāh

Gulām-e-Ahmade Mukhtār yu pahchāne jāyege
Ke Mahshar mein bhī hogā unka nārā, Yā Rasūlullāh

Yaqīnan āp har āshiq ke ghar tashrīf lāte hai
Mere ghar mein bhī ho jāye charāgā, Yā Rasūlullāh

Yā Rasūlullāh, Yā Rasūlullāh, Yā Habīballāh

Naat-Khwan:-
Hafiz Tahir Qadri




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