Har Nazar Kanp Uthegi Lyrics / हर नज़र काँप उठेगी महसर के दिन

Har Nazar Kanp Uthegi Lyrics:-आज हम आपको हर नज़र काँप उठेगी महसर के दिन की लिरिक्स बातएंगे जो हज़रत ओवैश राजा क़ादरी ने अपनी खूबसूरत आवाज़ मैं पढ़ी है


हर नज़र काँप उठेगी महसर के दिन
खौफ से हर कलेजा दहल जाएगा
पर ये नाज़ उनके बन्दे का देखेँगे सब
थाम कर उनका दामन मचल जाएगा !

मौज कतरा के हमसे गुज़र जाएगी
रुख मुखालिफ हवा का बदल जायगी
जब इशारा करेंगे वो नाम-ए-खुदा 
अपना बेड़ा भवर से निकल जाएगा !

रब्बे-सलीम वो फरमाने वाले मिले
क्यों सता-ते है ऐ दिल तुजे वस वसे
पुल से गुज़रे गए हम वजद करते हुई
अरे कौन कहेता है पाउ फिसल जाएगा !

के यू तू जिता हु हुक्मे खुदा से मगर
मेरे दिल की है उनको यक़ीनन खबर
हासिले ज़िंदगी होगा दिन वो मेरा 
उनके कदमो जब दम निकल जाएगा !

अखतरे-खस्ता ! क्यों इतना बेचैन है 
तेरा आक़ा शहनशाए कोनेंन है !
लो लगा लो तो सही साहे लौलाक से
गम मुस्सरत के साँचे में ढल जाएगा !



सायर:-
हुज़ूर ताजुशरिया

 
नात-ख्वां:-
ओवैस राजा क़ादरी





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