मेरे मोला मोला मोला !
काबे की रौनक काबे का मंज़रअल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
हैरत से खुद को कभी देखता हु
और देखता हु कभी मैं हरम को
लाया कहा मुझको मेरा मुकदर
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
हमदें-ए -खुदा से तर है जबाने
कानो मैं रस बोलती है अज़ाने
बस एक सदा आ रही है बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
मोला मोला मोला !
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
मांगी है मेने जितनी दुआ-ए
मंजूर होगी मक़बूल होगी
मिज़ाबे-रेहमत है मेरे सर पर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
तेरे करम की क्या बात मौला
तेरे हरम की क्या बात मौला
ता उम्र करदे आना मुकदर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
अपनी अता से बुलवाएं न
मुझको भी काबा दिखलाइये न
मैं एक गुनाहगार हु बंदा तेरा
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
काबे की रौनक काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
मोला सभी और क्या चाहता है
बस मगफिरत की अता चाहता है
बक्शीस के तालिब पे अपना करम कर
काबे की रौनक काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
देखु तो देखे जाउ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर !
नात-ख्वां:-
ओवैश रज़ा क़ादरी
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