Unka Mangta Hu jo Mangta Nahi Hone Dete Naat Lyrics:-आज हम आपको उनका मँगता हो जो मँगता नहीं होने देते नात की लिरिक्स हिंदी मैं बतायेगे जो हज़रत हाफिज ताहिर क़ादरी ने अपनी खूबसूरत आवाज़ मैं पढ़ी है
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
यैह हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
मेरे हर ऐब की करते है की वो पर्दा पोषी
मेरे जुर्मो का तमाशा नहीं होने देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
अपने मँगता की फेहरिस्त मैं रखते है सदा
मुझको मोहताज़ किसीका नहीं होने देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
है येह ईमान के आएंगे लहद मैं मेरी
अपने मँगतो को वो तन्हा नहीं होने देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
नात पढता हुतो आती है महक तैयबा की
मेरे लहज़े को वो मैला नहीं देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
आप की याद से रहती है नमी आँखों में
मेरे दरियाओं को शहरा नहीं होने देते
मेरे दरियाओं को शहरा नहीं होने देते
उनका मँगता हु जो मँगता नहीं होने देते
नात-ख़्वाँ:-
हाफिज ताहिर क़ादरी
गुलाम मुस्तफा क़ादरी
Roman (Eng) :
Unka mangta hoon jo mangta nahi hone dete,
Ye hawale mujhe ruswa nahi hone dete.
Mere har aib ki karte hain ki wo parda poshi,
Mere jurmon ka tamasha nahi hone dete.
Apne mangton ki fehrist mein rakhte hain sada,
Mujhko mohtaaz kisi ka nahi hone dete.
Hai ye imaan ke aayenge lahde mein meri,
Apne mangton ko wo tanha nahi hone dete.
Naat padhta hoon to aati hai mahak Taiyaba ki,
Mere lahje ko wo maila nahi dete.
Aap ki yaad se rahti hai nami aankhon mein,
Mere dariyaon ko shahra nahi hone dete.
Naat-khawan:
Hafiz Tahir Qadri
Gulam Mustafa Qadri"
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