इतना तू करम करना ऐ चश्मे करीमाना
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना
ऐ सब्ज़ गुम्बद वाले, मंज़ूर दुआ करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
ऐ नूरे खुदा आ कर, आँखों मे समा जाना
या दर पे बुला लेना, या ख़्वाब में आ जाना
ऐ पर्दा नशीं दिल के, पर्दों मे रहा करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
ऐ सब्ज़ गुम्बद वाले, मंज़ूर दुआ करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
मै क़ब्र अंधेरी मे, घबराउँगा जब तन्हा
इमदाद को मेरी करने, आ जाना रसूलअल्लाह
रौशन मेरी तुरबद को, ऐ नूरे ख़ुदा करना
जब वक़्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना!!
जब वक़्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना!!
ऐ सब्ज़ गुम्बद वाले, मंज़ूर दुआ करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
मुजरिम हूँ जहाँ भर का, महशर में भरम रखना
रुसवाए ज़माना हूँ, दामन मैं छुपा लेना
मकबूल दुआ मेरी, महबूबे ख़ुदा करना
मकबूल दुआ मेरी, महबूबे ख़ुदा करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना!!
ऐ सब्ज़ गुम्बद वाले, मंज़ूर दुआ करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
चहरे से ज़िया पाई इन चाँद सितारों ने
इस दर से शिफा पाई दुख दर्द के मारो ने
आता है इन्हे साबिर ! हर दुख कि दवा करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
इस दर से शिफा पाई दुख दर्द के मारो ने
आता है इन्हे साबिर ! हर दुख कि दवा करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
ऐ सब्ज़ गुम्बद वाले, मंज़ूर दुआ करना
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
जब वक्त नज़ाअ आए, दीदार अता करना !
नात-ख़्वाँ:-
हाफिज ताहिर क़ादरी
ओवैश राजा क़ादरी
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itna to karam krna , ae chasme krimana
jab jaan labo par ho tum saamne aa jaana
ae sabz gumbad wale , manjur dua krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
ae noor-e-khuda aankho main smaa jaana
ya dar pe bula lena ya khwab main aa jana
ae parda nashi dil ke, parde main raha krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
ae sabz gumbad wale , manjur dua krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
main qabr andheri main gabhrauga
jab tanha imadad meri krne aa jana mere aaqa
roshan meri turbat ko ae noor-r-khuda krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
ae sabz gumbad wale , manjur dua krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
muzrim hu jaha bhar ka mahshar main bhram rakhna
rushwaye zamana h, daman main chhupa lena
maqbul dua meri mahbube khuda krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
chehre se jiya paayi in chand sitaro ne
is dar se sifa paaayi dukh dard ke maaro ne
aata hai inhe saabir ! har dukh ki dawa krna
jab waqt-e-naza aaye , didar ata krna
Naat-Khwan:-
oweish raza qadri
hafiz tahir qadri
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