Mola Abbas Manqabat Lyrics Zamana Yaad Karega

अज़मते उम्मुल बनी मैं और इज़ाफ़ा होगया
उनका बेटा फ़ातिमा जहरा का बेटा होगया

सिर्फ अँगडाई ही ली थी हज़रते अब्बास ने
और दुश्मन ये समज बैठे के हमला होगया !

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

कोई अब्बास न होगा अब वो रब्ब ने रुतबा
बक्शा है !

ज़माना याद करेगा...! 

किस्मत वाले हाथो से कुरता सिया है ज़हरा ने
इसे बड़ा क्या रुतबा हो बेटा कहा है ज़हरा ने
कलाम-ए-पाक भी केहता है जरी ततहीर का हीस्सा है 

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

उनमे बनी के बेटे का रुतबा सब से आला है
उनको बीबी ज़ैनब ने अपनी गोद मैं पाला है
जहाँ मैं तीन इमामो ने जरी का जुला जुलाया है

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

मालिक दस्ते कुदरत है वारिश है ये हैदर के
कर सकते है दो टुकड़े ये भी बाग-ए-खेबर के
बना के आइना हैदर का खुदा ने अर्श से भेजा है !

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

ऐहले हरम की उम्मीदे सोरे बाजु-ए-सरवर है
लश्कर की है सालारी अपने आप मैं लश्कर है 
अली का नूरे नज़र तनहा बहादुर देहर मैं ऐसा है

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

है खुदा-ए-मुल्के वफ़ा कोई नहीं सानी इसका
सारे जहाँ मैं आज भी है इसके वफ़ाऔ का चर्चा
पड़ा सदियों से जुकाए सर किसी के पाँव मैं दरिया है

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

प्यासो की रुदाद सदा केहता रहेगा मेरे ही ला
परचम से के गाज़ी का सजता रहेगा मीर हिला
कशम रेहान ! खुदा की है की बाकी जब तक दुनिया है

ज़माना याद करेगा...! 

नमाज़-ए-शब दुआओँ मैं अली ने इनको माँगा है
ज़माना याद करेगा !

एक नैरा खास है अब्बास है अब्बास है
हम सब की आस है अब्बास है अब्बास है
टूटे दिलो की आस है अब्बास है अब्बास है
मुश्किल से बचा ले या अब्बास
हम तेरे हवाले हम सब को सिफा दे या अब्बास
अब्बास ही अब्बास है !



शायर:-
मीर हिलाल रिज़वी

नात-ख़्वाँ:-
मीर रेहान अब्बास

Roman (Eng) :

Azmate Ummul bani main aur izaafa hogaya
Unka beta Fatima Zahra ka beta hogaya

Sirf angdaai hi li thi Hazrate Abbas ne
Aur dushman ye samaj baithe ke hamla hogaya!

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Koi Abbas na hoga ab wo Rabb ne rutba baksha hai!

Zamana yaad karega...!

Kismat wale haatho se kurta siya Zahra ne
Ise bada kya rutba ho beta kaha hai Zahra ne
Kalaam-e-Paak bhi kehta hai jari tatheer ka hissa hai

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Unme bani ke bete ka rutba sab se aala hai
Unko Bibi Zainab ne apni god mein pala hai
Jahan mein teen Imam ne jari ka jhula jhulaya hai

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Malik daste kudrat hai waris hai ye Haider ke
Kar sakte hai do tukde ye bhi Bagh-e-Khebr ke
Bana ke aaina Haider ka Khuda ne arsh se bheja hai!

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Aehle Haram ki ummeede sore baazu-e-Sarwar hai
Lashkar ki hai salari apne aap mein lashkar hai
Ali ka noor-e-nazar tanha Bahadur Deccan mein aisa hai

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Hai Khuda-e-Mulke Wafa koi nahi saani iska
Saare jahan mein aaj bhi hai iske wafa-o ka charcha
Pada sadiyon se jhukaaye sar kisi ke paon mein dariya hai

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Pyaaso ki rudaad sada kehta rahega mere hi la
Parcham se ke gaazi ka sajta rahega Meer Hilaa
Kashmir Rehaan! Khuda ki hai ki baaki jab tak duniya hai

Zamana yaad karega...!

Namaaz-e-shab duaon mein Ali ne inko maanga hai
Zamana yaad karega!

Ek naira khaas hai Abbas hai Abbas hai
Hum sab ki aas hai Abbas hai Abbas hai
Toote dilo ki aas hai Abbas hai Abbas hai
Mushkil se bacha le ya Abbas
Hum tere hawale hum sab ko sifa de ya Abbas
Abbas hi Abbas hai!

Shayar:
Meer Hilaal Rizvi

Naat-khwan:
Meer Rehan Abbas



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