हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
क्यों किसी के दर पे जाएँ, आप के होते हुए
में गुलामे मुस्तफा हूँ ये मेरी पेहचान है
ग़म मुझे क्यूँ कर सताएं आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
अपना जीना अपना मरना अब इसी चोखट पे है
हम कहाँ सरकार ! जाएँ आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
कह रहा है आपका रब्ब “अन्त-फ़ीहिम” आप से
क्यूँ इन्हेँ में दूँ सज़ाएं आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
सामने है ऐ अली के लाल ! उस्वा आपका
क्यों किसी का खौफ खाएं आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
में ये कैसे मान जाऊं शाम के दरबार में
छीन ले कोई रीदाएँ आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
ये तो हो सकता नहीं ये बात मुंकिन ही नहीं
मेरे घर आलाम आए आप के होते हुए !
हाले दिल किसको सुनाएं, आप के होते हुए
कौन है अल्ताफ अपना हाले दिल जिस से कहें
ज़ख्मे दिल किस को दिखाएँ आप के होते हुए !
नात-ख़्वाँ:-
गुलाम मुस्तफा क़ादरी
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hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
kyu kisi ke dar pe jaaye apke hote hui
main gulame mustafa hu ! yeh meri pehchan hai
gam muje kyu kr staye apke hote hui !
hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
Keh Raha Hai Aap Ka Rab 'Anta Feehim' Aapse
Kyun Inhe Du Me Saza-e-Aap Ke Hote Hue
Kyun Inhe Du Me Saza-e-Aap Ke Hote Hue
hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
apna jina apna marna ab isi chokhat pe hai
hum sarkar ! jaaye apke hote hui
hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
main yeh kaise maan jaau sham ke darbar main
chhin le koi riddae apke hote hui !
hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
saamne hai ae ali ke laal uswa apka
kyu kisi ka kuaf khaye aapke hote hui !
yeh to ho skta nhi yeh baat mumkin nhi
mere gar aalam aaye apke hote hui !
hale dil kisko sunaye aapke hote hui !
kon hai, Altaaf ! apna haal-e-dil jis se kahe
zakhm-e-dil kis ko dikha-ae, aap ke hote hui !
zakhm-e-dil kis ko dikha-ae, aap ke hote hui !
Naat-khwan:-
gulam mustafa qadri
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