दिल का उजाला नाम-ए-मोहम्मद
दौलत जो चाहो दोनों जहाँ की
करलो वज़ीफ़ा नाम-ए-मोहम्मद
अपने रज़ा के क़ुरबान जाऊ
जिसने सिखाया नाम-ए-मोहम्मद
पूछेगा मौला लाया हैं क्या क्या
मैं येह कहुगा नाम-ए-मोहम्मद
सरकार येह नाम तुम्हारा सब नामो
से है येह प्यारा इस नाम से चमका,
सूरज और चमका चाँद सितारा !
सरकार येह नाम तुम्हारा सब नामो से प्यारा
इस नाम से चमका सूरज और चमका चाँद सितारा
हुआ हर सु खूब उजाला हुआ रोशन आलम सारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
जब रब्बे कदीर तुम्हारी करे खुद ही मद-हां सराए
हर एक के लबो पर फिर तो तारीफ तो तुम्हारी आयी
सद शुकूर के ज़िक्र तुम्हारा रहे हर दम विरद हमारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
सरकार येह नाम तुम्हारा सब नामो से प्यारा
इस नाम से चमका सूरज और चमका चाँद सितारा
साइल हु तेरे दर का मिले मुझको भीख करम की
रख लो लाज मेरे आक़ा इस मेरी चश्म-ए-नम की,
करू गुम्बद-ए-खजरा का फिर आँखों से नज़ारा !
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
लेहरो ने मेरी येह कस्ती हर जामे बसे है खेरी
सरकार खबर लो मेरी मिले मुझको,
आफ़ियत का मेरे आक़ा जल्द किनारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
सरकार येह नाम तुम्हारा सब नामो से प्यारा
इस नाम से चमका सूरज और चमका चाँद सितारा
जो मुझपर बित रही है वो किसको कैसे बताऊ
और अपने दिल की ही काया भला किसको जाके सुनाऊ
तुम मेहरमे राज़ हो मेरे मेरी दाद रशि हो खुदारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
मेरी अर्ज़ खुदारा सुनलो मेरे हाल पे मुझको न छोडो
ज़रा अपनी चश्म-ए-इनायत बे-बस की तरफ भी मोड़ो
बे-कश का तुम हो सहारा बेचारे का तुम हो चारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो-जग मैं नाम तुम्हारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
सरकार येह नाम तुम्हारा सब नामो से प्यारा
इस नाम से चमका सूरज और चमका चाँद सितारा
दो अपने इश्क़ की दौलत तुजे अपनी आल का सदक़ा
येह रियास ! फ़क़ीर अज़ल से तेरे दर का ही है साहा
तेरे दस्त-ए-अता के आगे दामन है इसने पशारा
मेरा नाम करेगा रोशन दो जग मैं नाम तुम्हारा
नात-ख़्वाँ:-
हाफिज अहसान क़ादरी
Roman (Eng) :
Aankhon ka tara, naam-e-Muhammad
Dil ka ujala, naam-e-Muhammad
Daulat jo chaho, dono jahan ki
Karlo wazifa, naam-e-Muhammad
Apne raza ke qurbani jaau
Jisne sikhaya, naam-e-Muhammad
Poochega Maula, laya hai kya kya
Main yeh kahunga, naam-e-Muhammad
Sarkar yeh naam tumhara
Sab namo se pyara Is naam se,
chamka Sooraj aur chand sitara
Hua har su khoob ujala
Hua roshan aalam saara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Jab Rabbe Qadeer tumhari
Kare khud hi mad-haan saraaye
Har ek ke labon par
Phir to taareef to tumhari aayi
Sad shukur ke zikr tumhara
Rahe har dam vird hamara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Sarkar yeh naam tumhara
Sab namo se pyara Is naam se,
chamka Sooraj aur chand sitara
Sail hu tere dar ka
Mile mujhko bheekh ehsaan ki
Rakh lo laaj mere aqa
Is meri chashme namm ki
Karun gumbad-e-Khazra ka
Phir aankhon se nazaara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Lehron ne meri ye kashti
Har jaam basa hai kheri
Sarkar, khabar lo meri
Mile mujhko aafiyat ka
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Sarkar yeh naam tumhara
Sab namo se pyara Is naam se,
chamka Sooraj aur chand sitara
Jo mujhpar beet rahi hai
Wo kisko kaise batau
Aur apne dil ki hi kaaya
Bhala kisko jaake sunau
Tum mehr-e-raaz ho mere
Meri daad rashi ho Khudaara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Meri arz Khudaara sunlo
Mere haal pe mujhko na chhodo
Zara apni chashme inayat
Be-bas ki taraf bhi mordo
Be-kash ka tum ho sahara
Bechaare ka tum ho chara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Sarkar yeh naam tumhara
Sab namo se pyara Is naam se,
chamka Sooraj aur chand sitara
Do apne ishq ki daulat
Tuje apni aal ka sadqa
Yeh riyas, faqeer azal se
Tere dar ka hi hai sahaara
Tere dast-e-ata ke aage
Daaman hai isne pashara
Mera naam karega roshan
Do jag mein naam tumhara
Naatkhwan:-
Hafiz Ahsan Qadri
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