Wo Mera Nabi Mera Nabi Hai Naat Lyrics / वो जिस के लिए महफ़िल-ए-कौनैन सजी है

वो जिस के लिए महफ़िल-ए-कौनैन सजी है  
फ़िरदौस-ए-बरीं जिस के वसीले से बनी है  
वो हाश्मी मक्की  मदनी-उल-'अरबी है  
वो मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी है !
 
अल्लाह का फ़रमाँ अलम् नश्रह़् लक स़द्रक  
मंसूब है जिस से, व-रफ़'अना लक ज़िक्रक  
जिस ज़ात का क़ुरआन में भी ज़िक्र-ए-जली है  
वो मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी है  
 
व-श्शम्सुद्दुहा चेहरा-ए-अनवर की झलक है  
वलैल सजा गेसू-ए-हज़रत की लचक है  
'आलम को ज़िया जिस के वसीले से मिली है  
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है  
 
अहमद है, मुहम्मद है, वो ही ख़त्म-ए-रुसूल है  
मख़दूम-ओ-मुरब्बी है, वो ही वाली-ए-कुल है  
उस पर ही नज़र सारे ज़माने की लगी है  
वो मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी है  
 
मुज़म्मिल-ओ-यासीन व मुदद्स़्स़िर-ओ-त़ाहा  
क्या क्या नए अल्क़ाब से मौला ने पुकारा  
क्या शान है उस की, कि जो उम्मी-लक़बी है  
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है  
 
यासीन-ओ-मुज़म्मिल-ओ-मुदद्स़्स़िर वोही त़ाहा  
क्या क्या नए अल्क़ाब से मौला ने पुकारा  
क्या शान है उस की, कि जो उम्मी-लक़बी है  
वो मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी है  
 
वो ज़ात कि जो मज़हर-ए-लौलाक-लमा है  
जो साहिब-ए-रफ़रफ़ शब-ए-मे'राज हुआ है  
असरा में इमामत जिसे नबियों की मिली है  
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है  
 
किस दर्जा ज़माने में थी मज़लूम ये औरत  
फिर जिस की बदौलत मिली इसे 'इज़्ज़त-ओ-रिफ़'अत  
वो मोहसिन-ओ-ग़म-ख़्वार हमारा ही नबी है  
वो मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी है 



नात-ख़्वाँ:-
सैयद हस्सान उल्लाह हुस्सैनी

.............................................................Eng.......................................................


Wo jis ke liye mahfil-E-konain saji hai
firdish-E-bari jis ke wasile se bani hai
wo hashmi makki madani-ul-'arabi hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai

W-shmsuduha chehra-E-anwar ki jhalak hai
wal'lel sja geshu-E-hazrat ki lachak hai
'aalam ko jiya jis ke wasile se mili hai
    
ahmad hai muhhmmad hai wohi khtm-E-rasool hai
makhdum-ao-murrbi hai wo hi wali-E-kul hai
us par hi nazar saare zamane ki lagi hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai

muzzammil-ao-yasin w muddshir-ao-taha
kya kya naye alkaab se muala ne pukara
kya shan hai us ki jo ummi-laqabi hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai

yasin-Ao-muzzammil-Ao-muddshir wohi taaha
kya kya naye alkab se muala ne pukara
kya shan hai us ki jo ummi-laqabi hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai

wo jaat ki jo mazhar-E-lolak-lama hai
wo sahib-E-rafraf shab-E-Me'raj hua hai
asra main imamat jise nabbiyo ki mili hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai

kis darza zamane main thi majlum yeh aurat
fir jis ki badolat mili ise izat-Ao-riffat
wo mohsin-Ao-gamm khwaar hamara hi nabi hai
Wo mera nabi mera nabi mera nabi hai


Naat-khwan:-
Saiyad Hassan ulah hussieni




Post a Comment

0 Comments