हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
जश्न-ए-विलादत की रौनक पे यारों,
मरते हैं सुन्नी, मरते रहेंगे।
अपने नबी की अज़मत का चर्चा,
करते हैं सुन्नी, करते रहेंगे।
कुछ जलने वाले देख के कहते हैं हमेशा,
सरकार की आमद पे लगाते हो क्यों पैसा?
ये पैसा तो क्या चीज़ है, हम घर भी लुटा दें,
कोई नहीं जहाँ में सरकार के जैसा।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
मेरे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा,
प्यारे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा।
लाजपाल नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा,
गमख़ार नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा।
साहिब-ए-मे'राज नबी, आसीयों की लाज नबी,
नबियों के सरताज नबी, कल भी थे और आज नबी।
दो जहाँ के राज वाले, मेरे नबी आ गए।
हर खारजी फसादी वतन से भगाएंगे,
पढ़ के दुरूद सबको मिलादी बनाएंगे।
लाएंगे हम हुज़ूर का इस्लाम तख्त पर,
लादीनीयत के सारे बुतों को गिराएंगे।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
तकलीफ होती है तुझे, मिर्ची भी लगती है,
जब बारविह पे लाइटों से गलियां भी सजती हैं।
क्यों चिढ़ता है तू देख के झंडों की बहारें,
तअज़ीम-ए-नबी हो तो सभी अच्छी लगती हैं।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
निसार तेरी चहल-पहल पर,
हज़ारों ईदें रबीउल अव्वल।
सिवाय इब्लीस के जहाँ में,
सभी तो खुशियाँ मना रहे हैं।
लालच न दो, हम नाम-ए-मुहम्मद पे मरेंगे,
मिलाद पे समझौता किया है न करेंगे।
बर्दाश्त न करेंगे जुलूसों पे रुकावट,
मिलाद-ए-मुहम्मद का मिशन जारी रखेंगे।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
तेरा ख़ावां मैं, तेरे गीत गाऊँ, या रसूलअल्लाह,
तेरा मिलाद मैं क्यों न मनाऊँ, या रसूलअल्लाह।
तालीम पहले दूंगा मुहम्मद के जश्न की,
तहज़ीब सिखाऊंगा मुहम्मद के जश्न की।
विरसे में छोड़ जाऊंगा मिलाद की लगन,
मेरे भी बच्चे जश्न-ए-विलादत मनाएंगे।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
मेरे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा,
प्यारे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा।
लाजपाल नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा,
गमख़ार नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफा।
हम अपनी मोहब्बत का यूँ ऐलान करेंगे,
हम जश्न-ए-मुहम्मद पे फ़िदा जान करेंगे।
मिलाद की रैली और जुलूसों में ले जा कर,
औलाद भी सरकार पे कुर्बान करेंगे।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
कीमत जहाँ में अपनी उजागर गिराओगे,
आका को छोड़ कर कभी इज़्ज़त न पाओगे।
मज़बूत कर लो रिश्ता नबी से तो जियोगे,
रिश्ता नबी से तोड़ोगे तो टूट जाओगे।
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे
साहिब-ए-मे'राज नबी, आसीयों की लाज नबी,
नबियों के सरताज नबी, कल भी थे और आज नबी।
दो जहाँ के राज वाले, मेरे नबी आगये
नात ख़्वाँ:-
हाफिज ताहिर क़ादरी
Roman (Eng)
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Jashn-e-Wiladat ki raunak pe yaaron,
Marte hain Sunni, marte rahenge.
Apne Nabi ki azmat ka charcha,
Karte hain Sunni, karte rahenge.
Kuch jalne wale dekh ke kehte hain hamesha,
Sarkar ki aamad pe lagate ho kyon paisa?
Ye paisa to kya cheez hai, hum ghar bhi luta dein,
Koi nahi jahan mein Sarkar ke jaisa.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Mere Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa,
Pyare Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa.
Lajpal Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa,
Gamkhaar Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa.
Sahib-e-Mi'raj Nabi, Aasiyon ki laj Nabi,
Nabiyon ke sartaj Nabi, kal bhi the aur aaj Nabi.
Do jahan ke raaj wale, mere Nabi aa gaye.
Har kharji fasadi watan se bhagaayenge,
Padh ke durood sabko miladi banayenge.
Laayenge hum Huzoor ka Islam takht par,
Laadiyaniyat ke saare buton ko giraayenge.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Takleef hoti hai tujhe, mirchi bhi lagti hai,
Jab Barawih pe lights se galiyan bhi sajti hain.
Kyon chidhte ho tu dekh ke jhandaon ki bahaaren,
Tazim-e-Nabi ho to sabhi achchi lagti hain.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Nisar teri chahal-pahal par,
Hazaron Eidain Rabi-ul-Awwal.
Sivay Iblees ke jahan mein,
Sabhi to khushiyan mana rahe hain.
Laalach na do, hum naam-e-Muhammad pe marenge,
Milad pe samjhauta kiya hai na karenge.
Bardasht na karenge julooson pe rukawat,
Milad-e-Muhammad ka mission jari rakhenge.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Tera khawaan main, tere geet gaun, ya RasoolAllah,
Tera milad main kyon na manaun, ya RasoolAllah.
Taleem pehle doonga Muhammad ke jashn ki,
Tahzeeb sikhaunga Muhammad ke jashn ki.
Virse mein chhod jaunga milad ki lagan,
Mere bhi bacche jashn-e-wiladat manayenge.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Mere Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa,
Pyare Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa.
Lajpal Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa,
Gamkhaar Nabi aa gaye, Marhaba ya Mustafa.
Hum apni mohabbat ka yun ailan karenge,
Hum jashn-e-Muhammad pe fida jaan karenge.
Milad ki rally aur julooson mein le ja kar,
Aulad bhi Sarkar pe qurbaan karenge.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Keemat jahan mein apni ujagar giraoge,
Aaka ko chhod kar kabhi izzat na paoge.
Mazboot kar lo rishta Nabi se to jioge,
Rishta Nabi se todoge to toot jaoge.
Hum apne Nabi Pak se yun pyaar karenge,
Har haal mein Sarkar ka milad karenge.
Sahib-e-Mi'raj Nabi, Aasiyon ki laj Nabi,
Nabiyon ke sartaj Nabi, kal bhi the aur aaj Nabi.
Do jahan ke raaj wale, mere Nabi aa gaye.
Naat Khwaan:
Hafiz Tahir Qadri
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