Na Aisi Zulfain Na Aisa Chehra Lyrics

ना ऐसी ज़ुल्फ़ें, ना ऐसा चेहरा,
ना यूं किसी पे सबाब होगा।

जवाब होंगे सभी के लेकिन,
ना मुस्तफ़ा का जवाब होगा।

बरोज-ए-महशर हसीन सारे,
जो होंगे यकजा मुकाबले को।

कसम खुदा की बरोज-ए-महशर,
बिलाल का इन्तेख़ाब होगा।

जवाब होंगे सभी के लेकिन,
ना मुस्तफ़ा का जवाब होगा।

जो ज़ुल्फ़ बिखरे तो रात होगी,
जो चेहरा निकले तो दिन चढ़ेगा।

पसीना उनका गिरेगा जिस पर,
वही तो जार-ए-गुलाब होगा।

ना ऐसी ज़ुल्फ़ें, ना ऐसा चेहरा,
ना यूं किसी पे सबाब होगा।

नात ख़्वाँ:-
अहमद अली हकीम


Roman (Eng) :

Na aisi zulfen, na aisa chehra,
na yun kisi pe sabab hoga.

Jawab honge sabhi ke lekin,
na Mustafa ka jawab hoga.

Baroj-e-mahshar haseen saare,
jo honge yakja muqable ko.

Kasam khuda ki baroj-e-mahshar,
Bilal ka intekhab hoga.

Jawab honge sabhi ke lekin,
na Mustafa ka jawab hoga.

Jo zulf bikhre to raat hogi,
jo chehra nikle to din chadhega.

Pasina unka girega jis par,
wahi to jar-e-gulaab hoga.

Na aisi zulfen, na aisa chehra,
na yun kisi pe sabab hoga.

Naat Khwaan:-
Ahmad Ali Hakim




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